Sunday, 25 February 2024

હિન્દી સુલેખન 3


 1)

          एक चिड़िया पेड़ पर रहती थी। उसका घोंसला पेड़ पर था। घोंसले में उसके तीन बच्चे थे। वह अपने बच्चों के साथ रहती थी। एक दिन एक शिकारी वहाँ आया। वह चिड़िया को मारना चाहता था। चिड़िया ने बच्चों को घोंसले में सिर नीचा कर बैठने को कहा। वह खुद वहाँ से उड़ गई और पत्तों में छिपकर बैठ गई। शिकारी चिड़िया को न देखकर वहाँ से चला गया।

2)

          नेपोलियन जब छोटा लड़का था तभी से वह सत्यवादी था। एक दिन वह अपनी बहन इलाइसा के साथ आँखमिचीनी खेल रहा था। इलाइज़ा छिपी थी और नेपोलियन उसे ढूँढ़ने के लिए इधर-उधर दौड़ रहा था। अचानक वह एक लड़की से जा टकराया। लड़की अमरूद बेचने के लिए ले जा रही थी। नेपोलियन के टकराने से उसकी टोकरी नीचे गिर पड़ी। कीचड़ होने के कारण उसके सारे अमरूद खराब हो गए। वह रोती हुई कहने लगी, "अब माँ को मैं क्या जवाब दूँगी?"

3)

नेपोलियन नहीं माना। वह उस लड़की को अपने साथ घर ले गया। माँ को घटना की जानकारी देकर वह बोला, "माँ, आप मुझे जो जेब-खर्च देती हैं, उसमें से इस लड़की को पैसे दे दीजिए।"

"ठीक है। मैं तुम्हारी सच्चाई से खुश हूँ मगर याद रखना, अब तुम्हें एक महीने तक जेब-खर्च के लिए कुछ भी नहीं मिलेगा”, माँ ने कहा।

"ठीक है माँ।" नेपोलियन ने हँसते हुए कहा।

4)

         रमेश पढ़ाई में होशियार लड़का है, इसलिए रमेश पिताजी की आँखों का तारा है। इस साल रमेश ने कमर कसके परीक्षा की तैयारी की थी। जब वह परीक्षा देने गया तो उसका ईद का चाँद मित्र महेश का नंबर भी उसके नज़दीक था। महेश आस्तीन का साँप निकला और वह अध्यापक की नज़र चुरा के रमेश की कापी में से नकल कर रहा था। उस वक्त अध्यापक ने देखा और वे आग बबूला हो गये।        

5) 

 मुन्ना : पापा, कल मैंने रात के डेढ़ बजे तक पढ़ाई की।

पिता : शाबाश बेटे, लेकिन रात को ग्यारह बजे के बाद तो सारे मोहल्ले की लाइट चली गई थी।

मुन्ना : सच ! मैं तो पढ़ने में इतना मगन था कि, मुझे पता ही नहीं चला।

6) 

        किताबें ज्ञान का स्रोत हैं, जिनसे जिज्ञासा की पूर्ति होती है, इतना ही नहीं ज्ञान और विज्ञान को गतिमान रखती हैं... किताबें मूल्यवान हैं... हमें इनको पढ़कर हमारे जीवन को सजाना एवं सँवारना है। मित्र, मैं ऐसा कहना चाहता हूँ कि मुझे पैसा नहीं पुस्तकें चाहिए। जन्मदिन के अवसर पर पुष्प का गुलदस्ता नहीं, बल्कि किताबों की भेंट देनी चाहिए। पुस्तकें हमारी मित्र हैं और रहेंगी। इनको पढ़कर ज्ञान अर्जन करने की जिम्मेदारी हम सब की है। मैंने हररोज अच्छी किताब का एक पन्ना पढ़ना शुरू कर दिया है। मेरी आशा है कि तुम भी ऐसा ही करोगे।





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