પત્રક A આધારીત અધ્યયન ક્ષમતા કસોટી
ધોરણ 7 હિન્દી - દ્વિતીય સત્ર -કાવ્ય 7: બઢે ચલો
કુલ ગુણ: 10 સમય: 20 મિનિટ
અધ્યયન ક્ષમતા:
H720 कहानी का विकास और विस्तार करते हैं। (કાવ્યના ભાવના આધારે)
H728 भाषा की शाब्दिक वाक्य संबंधित खूबियों को जानकर उसका उचित प्रयोग करते हैं।
વિભાગ-A: H720 कहानी का विकास और विस्तार करते हैं। (6 ગુણ)
प्रश्न 1: कविता 'बढ़े चलो' में दिए गए संघर्ष और उत्साह के भावों के आधार पर, नीचे दिए गए अधूरे प्रसंग को अपनी कल्पना से पूरा कीजिए। (6 ગુણ)
अधूरा प्रसंग:
रमेश एक छोटा-सा बच्चा था। उसका सपना था कि वह बड़ा होकर पर्वतारोही बने और हिमालय की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराए। लेकिन जब वह 10 साल का हुआ, तो उसे पता चला कि उसके पैर में बचपन से ही थोड़ी कमजोरी है, जिसके कारण डॉक्टर ने उसे पहाड़ पर चढ़ने से मना कर दिया। रमेश बहुत उदास हो गया। उसने अपना सपना छोड़ने का निश्चय कर लिया।
एक रात उसने सपने में खुद को उसी शिखर पर देखा, जहाँ वह जाना चाहता था। शिखर के पास जाकर वह रुक गया, उसे अपने डॉक्टर की बात याद आ गई। तभी उसके कानों में एक आवाज़ आई, "न डरो तुम, न डरो तुम, बढ़े चलो!..." यह सुनते ही रमेश में नई हिम्मत आ गई और उसने मन में तय किया कि...
(यहाँ से कहानी/प्रसंग को लगभग 4-5 वाक्यों में आगे बढ़ाते हुए उसका संतोषजनक अंत कीजिए।)
વિભાગ-B: H728 भाषा की शाब्दिक वाक्य संबंधित खूबियों को जानकर उसका उचित प्रयोग करते हैं। (4 ગુણ)
प्रश्न 2: निम्नलिखित वाक्यों में कोष्ठक में दिए गए शब्द का सही वचन बदलकर वाक्य को शुद्ध करके लिखिए। (प्रत्येक 2 ગુણ)
(1) मैदान में कई बालक खेल रहा था।
शुद्ध वाक्य:____________________________________________
(2) सैनिकों ने अपनी जान की परवाह नहीं की।
शुद्ध वाक्य:____________________________________________
ઉત્તરવહી (આપના સંદર્ભ માટે)
વિભાગ-A: કહાની કા વિકાસ ઔર વિસ્તાર (અપેક્ષિત ઉત્તર)
(ઉત્તરની અપેક્ષા):
…तभी उसके कानों में एक आवाज़ आई, "न डरो तुम, न डरो तुम, बढ़े चलो!..." यह सुनते ही रमेश में नई हिम्मत आ गई और उसने मन में तय किया कि वह किसी भी हालत में अपना सपना नहीं छोड़ेगा। उसने दूसरे दिन से ही अपने पाँव की कमजोरी पर ध्यान देने के बजाय अपनी मन की शक्ति को बढ़ाने पर ध्यान दिया। उसने रोज़ कसरत शुरू कर दी और एक विशिष्ट ट्रेनर से मिला जो उसके पाँव की कमजोरी के हिसाब से ट्रेनिंग दे सकता था। सबने कहा, "रुक गए तुम तो गए तुम", लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी। सालों की कड़ी मेहनत के बाद, एक दिन उसने हिमालय की उस चोटी पर विजय प्राप्त की और यह साबित कर दिया कि मनुष्य की सच्ची ताकत उसके शरीर में नहीं, बल्कि उसके आत्मविश्वास में है।
વિભાગ-B: ભાષા કી શાબ્દિક ખૂબી
(1) मैदान में कई बालक खेल रहा था।
શુદ્ધ વાક્ય: मैदान में कई बालक खेल रहे थे। (અથવા 'બાલક' ને બદલે 'બાલકો' નો પણ પ્રયોગ થઈ શકે છે)
(2) सैनिकों ने अपनी जान की परवाह नहीं की।
શુદ્ધ વાક્ય: सैनिकों ने अपनी जानों की परवाह नहीं की। (અથવા 'જાનોં' ની જગ્યાએ ઘણીવાર 'જાન' નો પણ પ્રયોગ સ્વીકાર્ય છે, પરંતુ શાબ્દિક રીતે 'જાનોં' વધુ યોગ્ય છે.)

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