खरगोश की चतुराई
एक बार एक खरगोश जंगल में घूम रहा था। अचानक, एक भूखा शेर उसके सामने आ गया। शेर ने गरजते हुए कहा, "मैं बहुत भूखा हूँ, अब मैं तुझे खाऊँगा!"
खरगोश डर तो गया, लेकिन उसने तुरंत एक तरकीब सोची। वह चालाकी से बोला, "महाराज, मुझे खाने से पहले एक बात सुन लीजिए। मैं आपके लिए एक और शेर का पता लगा सकता हूँ जो आपको चुनौती दे रहा है।"
शेर गुस्से में बोला, "कौन है वह? मुझे अभी बताओ!" खरगोश उसे पास के एक कुएँ के पास ले गया और कुएँ के अंदर देखने को कहा। जैसे ही शेर ने कुएँ में झाँका, उसे अपना ही प्रतिबिंब दिखाई दिया। उसने सोचा कि कुएँ में कोई और शेर है। गुस्से में उसने जोर से दहाड़ मारी, जिससे उसकी आवाज़ कुएँ में गूँज उठी। उसे लगा कि दूसरा शेर भी उसे चुनौती दे रहा है।
गुस्से में शेर कुएँ में कूद गया और डूबकर मर गया। इस तरह, खरगोश की चतुराई से उसकी जान बच गई।
सीख: बुद्धिमानी से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है।
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