H720 - कहानी का विकास और विस्तार करते है|
(1)
एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा,'बीरबल दुनियामे सबसे अधिक शक्तिशाली कौन है? बीरबल ने क्या कहा होगा? इस कहानी को आगे बढ़के पूर्ण कीजिए |
उत्तर :
सबसे शक्तिशाली कौन?
एक दिन अकबर ने बीरबल से पूछा, "बीरबल, दुनिया में सबसे अधिक शक्तिशाली कौन है?"
बीरबल मुस्कुराए और बोले, "जहांपनाह, इसका उत्तर जल्दबाज़ी में नहीं दिया जा सकता। मैं आपको कल इसका उत्तर दूँगा।"
अगले दिन बीरबल दरबार में आए और बोले, "जहांपनाह, कृपया मेरे साथ महल के बगीचे में चलें, वहीं मैं आपके प्रश्न का उत्तर दूँगा।"
अकबर और उनके दरबारी बगीचे में पहुँचे। वहाँ एक छोटा सा नवजात बछड़ा अपनी माँ के पास खड़ा था। बीरबल ने सैनिकों को आदेश दिया कि वे उस बछड़े को उसकी माँ से दूर ले जाएँ। जैसे ही सैनिकों ने बछड़े को हटाने की कोशिश की, उसकी माँ ज़ोर-ज़ोर से रंभाने लगी और पूरी ताकत से सैनिकों की ओर दौड़ पड़ी। डर के मारे सैनिक पीछे हट गए और गाय अपने बछड़े के पास पहुँच गई।
बीरबल ने अकबर की ओर देखा और विनम्रता से कहा, "जहांपनाह, संसार में सबसे अधिक शक्तिशाली प्रेम और ममता की शक्ति है। जिस प्रकार यह गाय अपने बछड़े के लिए किसी भी ताकतवर सैनिक से नहीं डरी, उसी प्रकार एक माँ अपने संतान के लिए किसी भी बाधा को पार कर सकती है।"
अकबर बीरबल की बुद्धिमत्ता से प्रभावित हुए और बोले, "बीरबल, तुमने फिर से साबित कर दिया कि तुम्हारी बुद्धि अद्वितीय है। सचमुच, प्रेम और ममता से बढ़कर कोई शक्ति नहीं!"
(2)
एक चरवाहा था |एक बार जंगल की और बकरिया चराने गया|चरवाहा पेड़ के नीचे बैठा |एक बकरी थोड़ी दूर अकेली निकाल गई| वह काही से एक भेड़िया आ पाहुचा |उसने बकरी से कहा मे तुझे खाऊँगा। ( अब आप बकरी की जान बचाकर कहानी पूर्ण कीजिए|
उत्तर:-
बकरी की चतुराई
एक चरवाहा था। एक बार वह जंगल की ओर बकरियाँ चराने गया। चरवाहा एक पेड़ के नीचे बैठ गया। इसी बीच, एक बकरी थोड़ी दूर अकेली निकल गई। अचानक, कहीं से एक भेड़िया आ पहुँचा। उसने बकरी को घूरते हुए कहा, "मैं तुझे खाऊँगा!"
बकरी डर तो गई, लेकिन उसने अपनी बुद्धि से अपनी जान बचाने का निश्चय किया। वह मुस्कुराते हुए बोली, "ठीक है, लेकिन अगर तुम मुझे ऐसे ही खा लोगे, तो मेरा माँस कमज़ोर रहेगा और तुम्हें स्वाद भी नहीं आएगा। अगर तुम सच में मुझे खाना चाहते हो, तो पहले मुझे कुछ पत्तियाँ खाने दो ताकि मेरा माँस स्वादिष्ट हो जाए।"
भेड़िया सोच में पड़ गया और उसे यह बात सही लगी। वह बोला, "ठीक है, जल्दी से पत्तियाँ खा लो, फिर मैं तुम्हें खा जाऊँगा।"
बकरी धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी और पास के पेड़ के नीचे पहुँची। जैसे ही उसे मौका मिला, वह ज़ोर से "में—में—में!" करके चिल्लाने लगी। उसकी आवाज़ सुनकर चरवाहा और उसके साथ की अन्य बकरियाँ सतर्क हो गईं। चरवाहा लाठी लेकर तुरंत दौड़ा और अन्य बकरियाँ भी मिलकर जोर-जोर से आवाज़ करने लगीं।
भेड़िया यह देखकर डर गया और भाग खड़ा हुआ।
बकरी की सूझबूझ से उसकी जान बच गई। चरवाहा ने बकरी को गोद में उठाया और कहा, "समझदारी से मुश्किलों से बचा जा सकता है!"
(सीख: संकट के समय बुद्धिमानी और धैर्य से काम लेना चाहिए।)
(3)
रामपुर नामक एक गाव था । उस गाव मे भोलु नाम का एक लड़का रहता था। वह पढ़ाई करता था। एक दिन वह पाठशाला जा रहा था। रास्तेमे उसे रेल की पटरियोको पार करना पड़ता था। उसने देखा की रेलकी पटरी एक जगह से उखड़ी हुई है । ईस कहानी को पूर्ण करे|
यह कहानी कुछ इस प्रकार आगे बढ़ सकती है:
भोलू ने देखा कि रेल की पटरी एक जगह से उखड़ी हुई है। यह देखकर वह घबरा गया, क्योंकि उसे समझ आ गया कि यह बहुत खतरनाक हो सकता है। अगर कोई ट्रेन इस पर आ गई तो बड़ा हादसा हो सकता है।
भोलू ने तुरंत आसपास देखा कि कोई बड़ा व्यक्ति मदद कर सके, लेकिन वहां कोई नहीं था। उसने अपनी समझदारी से काम लिया। अपनी पाठशाला की किताबों से उसने एक लाल रंग का कागज निकाला और उसे एक छड़ी पर लपेटकर झंडी जैसा बना दिया। फिर वह तेजी से पटरी के पास जाकर आने वाली ट्रेन के सामने खड़ा हो गया और जोर-जोर से झंडी हिलाने लगा।
ट्रेन चालक ने दूर से भोलू को देखा और ट्रेन को धीमे कर दिया। चालक ने जब पटरी की हालत देखी तो तुरंत गाड़ी रोक दी। इस तरह भोलू की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।
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