પત્રક -A આધારીત અધ્યયન નિષ્પતી આધારિત કસોટી
ધોરણ 7 હિન્દી - દ્વિતીય સત્ર (પાઠ 2: हम भी बने महान )
કુલ ગુણ: 10 સમય: 20 મિનિટ
અધ્યયન ક્ષમતા:
H702.05 सरल वर्णन सुनकर एवं पढ़कर समझते हैं। (પાઠ પર આધારિત)
H724.03 विशेषण के प्रकारों को समझते हैं।
વિભાગ-A: H702.05 सरल वर्णन सुनकर एवं पढ़कर समझते हैं।(4 ગુણ)
प्रश्न 1: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्य में लिखिए। (प्रत्येक 1 ગુણ)
(1) स्वामी विवेकानंद ने कौन-सा महान कार्य किया था?
______________________________________________________________________
(2) पाथशाला में बच्चों ने कैसी चीज़ें उठाकर कूड़ेदान में डाल दीं?
______________________________________________________________________
(3) 'सत्यनिष्ठा' से आप क्या समझते हैं?
______________________________________________________________________
(4) गुरु-शिष्य परंपरा में गुरु के प्रति शिष्य का कैसा व्यवहार होना चाहिए?
______________________________________________________________________
વિભાગ-B: H724.03 विशेषण के प्रकारों को समझते हैं। (6 ગુણ)
प्रश्न 2: निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण छाँटकर उसके प्रकार का नाम लिखिए। (प्रत्येक 2 ગુણ - 1 ગુણ વિશેષણ + 1 ગુણ પ્રકાર)
(1) सभी बच्चों ने मिलकर बड़े-बड़े पत्थर हटा दिए।
વિશેષણ:___________
प्रकार:_____________
(2) हमें अपने जीवन में चार बातों का ध्यान रखना चाहिए।
વિશેષણ:_____________
प्रकार:______________
(3) राजेंद्र प्रसाद की माँ अच्छी कहानियाँ सुनाती थीं।
વિશેષણ:____________
प्रकार:_______________
ઉત્તરવહી (આપના સંદર્ભ માટે)
વિભાગ-A: સરળ વર્ણન કો સમજના
(1) स्वामी विवेकानंद ने कौन-सा महान कार्य किया था?
उत्तर: स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो शहर में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करके देश का नाम रौशन किया।
(2) पाथशाला में बच्चों ने कैसी चीज़ें उठाकर कूड़ेदान में डाल दीं?
उत्तर: पाथशाला में बच्चों ने टॉफियों के खाली कवर, कागज़ के टुकड़े और दूसरी गंदगी उठाकर कूड़ेदान में डाल दीं।
(3) 'सत्यनिष्ठा' से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: सत्यनिष्ठा का अर्थ है सत्य के प्रति निष्ठा रखना, यानी सच्चाई के मार्ग पर दृढ़ रहना, चाहे कोई देखे या न देखे।
(4) गुरु-शिष्य परंपरा में गुरु के प्रति शिष्य का कैसा व्यवहार होना चाहिए?
उत्तर: गुरु-शिष्य परंपरा में गुरु के प्रति शिष्य का व्यवहार आदर और सम्मान से भरा, तथा आज्ञाकारी होना चाहिए।
વિભાગ-B: વિશેષણ કે પ્રકારો કો સમજના
(1) सभी बच्चों ने मिलकर बड़े-बड़े पत्थर हटा दिए।
વિશેષણ: बड़े
પ્રકાર: गुणवाचक विशेषण (क्योंकि यह पत्थर का गुण (आकार) बता रहा है।)
(2) हमें अपने जीवन में चार बातों का ध्यान रखना चाहिए।
વિશેષણ: चार
પ્રકાર: संख्यावाचक विशेषण (क्योंकि यह बातों की निश्चित संख्या बता रहा है।)
(3) राजेंद्र प्रसाद की माँ अच्छी कहानियाँ सुनाती थीं।
વિશેષણ: अच्छी
પ્રકાર: गुणवाचक विशेषण (क्योंकि यह कहानियों का गुण बता रहा है।)

No comments:
Post a Comment