Sunday, 26 October 2025

અધ્યયન નિષ્પતી આધારીત કસોટી-ધોરણ-8-પાઠ-3-મત બાટો ઇન્સાન કો


ધોરણ 8 હિન્દી - દ્વિતીય સત્ર -પાઠ 3: मत बाँटो इंसान को

અધ્યયન ક્ષમતા કસોટી

કુલ ગુણ: 10 સમય: 20 મિનિટ

અધ્યયન ક્ષમતા: 

H801.01  अपरिचित शब्द और वाक्य सुनकर एवं पढ़कर समझते हैं। 

H831  काव्य पंक्तियों को पढ़कर उनका भावार्थ बता सकते हैं।

👉વિજયભાઈ આર ગોંડલીયા- સુરેન્દ્રનગર  


વિભાગ-A: H801.01  अपरिचित शब्द और वाक्य सुनकर एवं पढ़कर समझते हैं।  (4 ગુણ)

प्रश्न 1: निम्नलिखित शब्दों का अर्थ लिखकर उन्हें अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए। (प्रत्येक 2 ગુણ)

(1) अंधियार (यह शब्द कविता में आया है)

  • અર્થ: __________________________

  • વાક્ય પ્રયોગ: _______________________________   

(2) 'पावन ' शब्द का पर्यायवाची शब्द लिखकर उसका वाक्य मे प्रयोग कीजिए | (2 ગુણ)

વિભાગ-B: H831  काव्य पंक्तियों को पढ़कर उनका भावार्थ बता सकते हैं। ( 6 ગુણ 
(1) 'अभी शरूआत मनुजता की, बहुत चलेगा दौर।'(2 ગુણ)

(2) 'हरा भरा जीवन हो सबका, मत बाँटो इंसान को।'(2 ગુણ)

(3) 'रोको मत यह शुभ संकल्प, युग-युग तक का है।' (2 ગુણ)

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ઉત્તરવહી (આપના સંદર્ભ માટે)

વિભાગ-A: 

(1) अंधियार

  • અર્થ: अंधकार / अँधेरा 

  • વાક્ય પ્રયોગ: ज्ञान का प्रकाश अंधियार को दूर करता है।

(2) पावन

  • અર્થ: पवित्र  / शुद्ध

  • વાક્ય પ્રયોગ: भारत की नदियाँ हमारे लिए पावन हैं।


વિભાગ-B: 

(1) 'अभी शरूआत मनुजता की, बहुत चलेगा दौर।' (2 ગુણ)

  भावार्थ: कवि कहते हैं कि अभी तक मनुष्य ने केवल अपने-आप को जाति, धर्म या रंग के आधार पर पहचाना है, लेकिन सही मायने में मानवता की शुरुआत अभी बाकी है। मनुष्यता के विकास और विस्तार का यह लंबा दौर (समय) अभी बहुत चलेगा, जिसका अर्थ है कि हमें सभी भेदभावों को मिटाकर सच्चे अर्थों में मनुष्य बनने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है।

(2) 'हरा भरा जीवन हो सबका, मत बाँटो इंसान को।' (2 ગુણ) 

भावार्थ: कवि यह कामना करते हैं कि संसार में हर व्यक्ति का जीवन सुख-समृद्धि, खुशहाली और आनंद से भरा हो। इसलिए, मनुष्य को स्वयं ही धर्म, जाति, रंग या देश जैसे भेदों के आधार पर इंसान को बाँटना (विभाजित करना) बंद कर देना चाहिए और सभी को एक समान दृष्टि से देखना चाहिए।

(3) 'रोको मत यह शुभ संकल्प, युग-युग तक का है।' (2 ગુણ) 

भावार्थ: कवि कहते हैं कि मानवता को एक करने और समानता लाने का यह विचार या शुभ संकल्प किसी एक दिन या थोड़े समय का नहीं, बल्कि अनेक युगों तक चलने वाला है। इसलिए, इस पवित्र और सकारात्मक विचार को किसी को रोकना नहीं चाहिए। हमें एकता और भाईचारे (बंधुत्व) की भावना फैलाने के इस महान संकल्प में मिलकर साथ देना चाहिए।

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